400 की आबादी वाले टोंगसीपारा में मौजूद इकलौता हैंडपंप गर्मी शुरू होते ही जवाब देने लगा है। जलस्रोत नीचे चले जाने से आधा घंटा पानी निकलने के बाद घंटे भर पानी भरने इंतजार करना पड़ता है। परेशान ग्रामीण नाला किनारे झिरिया खोदकर पीने के पानी का इंतजाम कर रहे हैं।
नवीन सुकलीभाठा पंचायत के आश्रित गांव टोंगसीपारा के ग्रामीण गर्मी शुरू होते ही बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष कर नाला किनारे झिरिया का पानी पीकर प्यास बुझाने को मजबूर हैं। स्थिति यह है कि ग्रामीण सुबह गांव से एक किलोमीटर दूर पड़ने वाले नाले के किनारे झिरिया खोदने निकल जाते हैं। गांव की सरपंच प्रमिला बीसी के मुताबिक गांव में एक ही हैंडपंप है, जिसके भरोसे टोंगसीपारा के 400 ग्रामीण प्यास बुझा रहे हैं।
ऐसी स्थिति में हैंडपंप आधा घंटा चलने के बाद धोखा देने लगता है, जिसके चलते मजबूरीवश गांव की पूरी आबादी नाले के किनारे झिरिया के पानी के पानी पर आश्रित है। एसडीओ अरुण कुमार भार्गव ने कहा कि आपके माध्यम से मामले की जानकारी मिल रही है, मैं तुरंत कर्मचारी भेजकर वहां की वस्तुस्थिति की जानकारी लेता हूं, अगर पानी की समस्या है तो जल्द ही उचित कदम उठाया जाएगा।
हर साल गर्मी में ऐसी ही किल्लत मचती है
गांव के दयाराम वार्ड क्रमांक 8 के पंच हरिश्चंद्र नागेश और चम्पक यादव का कहना है ग्रामीणों को हर साल गर्मी के तीन महीने इसी तरह नाले के किनारे झिरिया खोदकर प्यास बुझाना पड़ता है। पूर्व सरपंच दयाराम बीसी की मानें तो उन्होंने अपने 10 साल के कार्यकाल में 10 बार पंचायत में प्रस्ताव लाकर पीएचई विभाग को टोंगसीपारा की समस्या से अवगत करवाया और नलकूप खनन की मांग भी की लेकिन जिम्मेदारों ने कोई कदम नहीं उठाए। बीसी ने बताया कि गर्मी के तीन महीने में पेयजल की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।